Home Actress Payal Rohatgi HD Photos and Wallpapers November 2020 Payal Rohatgi Instagram - देखिए मैं #ArnabGoswami की fan नहीं हूँ मगर बहुत मामलों में उनका समर्थन करती हूँ क्यूँकि वो दिल से आवाज़ उठाते हैं उन मामलों पर जिनके लिए कोई आवाज़ नहीं होती। उन्होंने सुशांत मामले में आवाज़ बहुत ज़ोर से उठाई कि सरकार कि क्या नीद ख़राब हुई कि उन्होंने अब २ साल पुराना case खोल दिया। अब जब encounter cop #SachinVaze गए थे अर्नब के घर उन्हें पकड़ने तो उन्होंने कहा कि section ३०६ लगाया गया है अर्नब पर। अब IPC का section ३०६ के ऊपर बहुत judgements आए हैं जो कहते हैं कि abetment to suicide का case नहीं बनता उन मलमो पर जहाँ civil dispute है और hyper sensitivity है और case non-matrimonial है।अगर accused ने पैसा नहीं दिया और इसलिए victim ने अपनी जान ले ली तो accused ज़िम्मेदार नहीं होगा। ऐसे बहुत judgements हैं जो supreme court और high court ने दिए हैं। तो यह आधार Arnab के ऊपर case बंध कर दिया गया था २ साल पहले। अगर अब victim की family ने Maharastra home ministry से मिलकर यह case फिर से खोला है तो क़ानून अनुसार उनके पास additional evidence होना चाहिए यह reopening के लिए। Police के पास यह जो power है आम आदमी या भारतीय नागरिक को उठाने का यह १८६१ का Police Act है जो १८५७ की uprising के ख़िलाफ़ लाया गया था।बाद में १९५१ में Bombay Police Act लाया गया इस colonial act के आधार पर। अब आज़ाद भारत में क्यूँ यह १०० साल पुराना क़ानून है यह मुझे नहीं पता। परंतु SC ने २००६ में कहा था कि home ministry और police department अलग होने चाहिए परंतु अभी तक कोई राजनीतिक पार्टी ने इसके ऊपर काम नहीं किया। जो लोग को UP police और Delhi police की दादागिरी से तकलीफ़ थी वो आज महाराष्ट्र police की दादागिरी पर चुप्पी साद बैठे हैं 🙏 #payalrohatgi

Payal Rohatgi Instagram – देखिए मैं #ArnabGoswami की fan नहीं हूँ मगर बहुत मामलों में उनका समर्थन करती हूँ क्यूँकि वो दिल से आवाज़ उठाते हैं उन मामलों पर जिनके लिए कोई आवाज़ नहीं होती। उन्होंने सुशांत मामले में आवाज़ बहुत ज़ोर से उठाई कि सरकार कि क्या नीद ख़राब हुई कि उन्होंने अब २ साल पुराना case खोल दिया। अब जब encounter cop #SachinVaze गए थे अर्नब के घर उन्हें पकड़ने तो उन्होंने कहा कि section ३०६ लगाया गया है अर्नब पर। अब IPC का section ३०६ के ऊपर बहुत judgements आए हैं जो कहते हैं कि abetment to suicide का case नहीं बनता उन मलमो पर जहाँ civil dispute है और hyper sensitivity है और case non-matrimonial है।अगर accused ने पैसा नहीं दिया और इसलिए victim ने अपनी जान ले ली तो accused ज़िम्मेदार नहीं होगा। ऐसे बहुत judgements हैं जो supreme court और high court ने दिए हैं। तो यह आधार Arnab के ऊपर case बंध कर दिया गया था २ साल पहले। अगर अब victim की family ने Maharastra home ministry से मिलकर यह case फिर से खोला है तो क़ानून अनुसार उनके पास additional evidence होना चाहिए यह reopening के लिए। Police के पास यह जो power है आम आदमी या भारतीय नागरिक को उठाने का यह १८६१ का Police Act है जो १८५७ की uprising के ख़िलाफ़ लाया गया था।बाद में १९५१ में Bombay Police Act लाया गया इस colonial act के आधार पर। अब आज़ाद भारत में क्यूँ यह १०० साल पुराना क़ानून है यह मुझे नहीं पता। परंतु SC ने २००६ में कहा था कि home ministry और police department अलग होने चाहिए परंतु अभी तक कोई राजनीतिक पार्टी ने इसके ऊपर काम नहीं किया। जो लोग को UP police और Delhi police की दादागिरी से तकलीफ़ थी वो आज महाराष्ट्र police की दादागिरी पर चुप्पी साद बैठे हैं 🙏 #payalrohatgi

Payal Rohatgi Instagram - देखिए मैं #ArnabGoswami की fan नहीं हूँ मगर बहुत मामलों में उनका समर्थन करती हूँ क्यूँकि वो दिल से आवाज़ उठाते हैं उन मामलों पर जिनके लिए कोई आवाज़ नहीं होती। उन्होंने सुशांत मामले में आवाज़ बहुत ज़ोर से उठाई कि सरकार कि क्या नीद ख़राब हुई कि उन्होंने अब २ साल पुराना case खोल दिया। अब जब encounter cop #SachinVaze गए थे अर्नब के घर उन्हें पकड़ने तो उन्होंने कहा कि section ३०६ लगाया गया है अर्नब पर। अब IPC का section ३०६ के ऊपर बहुत judgements आए हैं जो कहते हैं कि abetment to suicide का case नहीं बनता उन मलमो पर जहाँ civil dispute है और hyper sensitivity है और case non-matrimonial है।अगर accused ने पैसा नहीं दिया और इसलिए victim ने अपनी जान ले ली तो accused ज़िम्मेदार नहीं होगा। ऐसे बहुत judgements हैं जो supreme court और high court ने दिए हैं। तो यह आधार Arnab के ऊपर case बंध कर दिया गया था २ साल पहले। अगर अब victim की family ने Maharastra home ministry से मिलकर यह case फिर से खोला है तो क़ानून अनुसार उनके पास additional evidence होना चाहिए यह reopening के लिए। Police के पास यह जो power है आम आदमी या भारतीय नागरिक को उठाने का यह १८६१ का Police Act है जो १८५७ की uprising के ख़िलाफ़ लाया गया था।बाद में १९५१ में Bombay Police Act लाया गया इस colonial act के आधार पर। अब आज़ाद भारत में क्यूँ यह १०० साल पुराना क़ानून है यह मुझे नहीं पता। परंतु SC ने २००६ में कहा था कि home ministry और police department अलग होने चाहिए परंतु अभी तक कोई राजनीतिक पार्टी ने इसके ऊपर काम नहीं किया। जो लोग को UP police और Delhi police की दादागिरी से तकलीफ़ थी वो आज महाराष्ट्र police की दादागिरी पर चुप्पी साद बैठे हैं 🙏 #payalrohatgi

Payal Rohatgi Instagram – देखिए मैं #ArnabGoswami की fan नहीं हूँ मगर बहुत मामलों में उनका समर्थन करती हूँ क्यूँकि वो दिल से आवाज़ उठाते हैं उन मामलों पर जिनके लिए कोई आवाज़ नहीं होती। उन्होंने सुशांत मामले में आवाज़ बहुत ज़ोर से उठाई कि सरकार कि क्या नीद ख़राब हुई कि उन्होंने अब २ साल पुराना case खोल दिया।

अब जब encounter cop #SachinVaze गए थे अर्नब के घर उन्हें पकड़ने तो उन्होंने कहा कि section ३०६ लगाया गया है अर्नब पर। अब IPC का section ३०६ के ऊपर बहुत judgements आए हैं जो कहते हैं कि abetment to suicide का case नहीं बनता उन मलमो पर जहाँ civil dispute है और hyper sensitivity है और case non-matrimonial है।अगर accused ने पैसा नहीं दिया और इसलिए victim ने अपनी जान ले ली तो accused ज़िम्मेदार नहीं होगा। ऐसे बहुत judgements हैं जो supreme court और high court ने दिए हैं। तो यह आधार Arnab के ऊपर case बंध कर दिया गया था २ साल पहले।

अगर अब victim की family ने Maharastra home ministry से मिलकर यह case फिर से खोला है तो क़ानून अनुसार उनके पास additional evidence होना चाहिए यह reopening के लिए।

Police के पास यह जो power है आम आदमी या भारतीय नागरिक को उठाने का यह १८६१ का Police Act है जो १८५७ की uprising के ख़िलाफ़ लाया गया था।बाद में १९५१ में Bombay Police Act लाया गया इस colonial act के आधार पर। अब आज़ाद भारत में क्यूँ यह १०० साल पुराना क़ानून है यह मुझे नहीं पता। परंतु SC ने २००६ में कहा था कि home ministry और police department अलग होने चाहिए परंतु अभी तक कोई राजनीतिक पार्टी ने इसके ऊपर काम नहीं किया।

जो लोग को UP police और Delhi police की दादागिरी से तकलीफ़ थी वो आज महाराष्ट्र police की दादागिरी पर चुप्पी साद बैठे हैं 🙏 #payalrohatgi | Posted on 07/Nov/2020 15:15:22

Payal Rohatgi Instagram – AAP पार्टी ने #UmarKhalid को prosecute करने की हामी दे दी है।यह सुन कर काफ़ी अच्छा लगा क्यूँकि यह Modi सरकार की green light के बाद liberals और feminists शायद AAP से उम्मीद बनाए रख रहे थे। परंतु सच सच है। और सच यह है कि #UmarKhaild एक आतंकवादी है छात्र के रूप में जिसने दिल्ली जलाने का षडियंतर रचा। ५३ लोगों की जान चली गयी जब CAA के नाम पर protests हुए। 

और यह liberals समझ रहे थे कि अब AAP सरकार आ गयी है तो वो उन्हें बचा लेगी 😜

यह लोग चुप रहे जब एक पत्रकार को आतंकवादी की तरह उसके घर से उठाया मुम्बई police ने 😡 अब इनको समझ आएगा कि कैसे एक आतंकवादी जिसे छात्र की तरह यह लोग promote कर रहे थे उसे अब गिरफ़्तार किया जाएगा 🙏 #payalrohatgi
Payal Rohatgi Instagram – जो लोग समझते हैं कि Arnab की गिरफ़्तारी उसके abetment to suicide वाले case के तहत है और ना कि उसके पत्रकरता के वजह से उन्हें मैं कुछ points बताना चाहती हूँ। 

१) अगर महाराष्ट्र सरकार सच में #AnvayNaik को न्याय दिलाना चाहती है तो बाक़ी दो आरोपी भी क्यूँ गिरफ़्तार नहीं लिए गए Arnab की तरह ??? यह case को एक साल से move नहीं किया गया ??? मगर अभी … 

२) क़ानून में provisions है कि आप accused को summons भेज police station बुला सकते है तो वो पहले क्यूँ नहीं किया गया ? 

३) यह सरकार #Palghar lynching के सारे accused के नाम भूल गयी जहां साधु की हत्या हुई ?? मगर अब पत्रकार के पीछे पड़ गयी। 

४) आत्माहत्या का case था एक Thane builder का उसे सरकार ने बंध कर दिया ? क्यूँ ? क्यूँकि उसमें एक minister का नाम था यह सरकार से और कुछ पत्रकार का भी नाम था। 

५) महाराष्ट्र सरकार अपने खुद के लोगों के ख़िलाफ़ कब जाएगी जो #AnantKarmuse और #MadanSharma को target करते हैं उनकी अभिव्यक्ति की आज़ादी पर ???

६) यह सरकार TRP scam के ऊपर आवाज़ कब उठाएगी जिसमें उनके नेता ने नाम लिया था Arnab के channel का ??? 

७) TRP scam में republic channel के सारे पत्रकार पर यह सरकार ने case दर्ज किए है ?? १९२२ legislation के आधार पर ?? 

यह सब एक तरफ़ा गुंडागर्दी है बस 🙏

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