Home Actor Ashok H Choudhury HD Instagram Photos and Wallpapers June 2022 Ashok H Choudhury Instagram - दोस्ती हम से — तो सुनो न ख़्वाहिश होगी न ख़ारिश न रंजिश होगी ,न बंदिश न धंधा न चंदा, न न सज़दा, इबादत फ़रेबों के डेरे न नुख़्से-खुशामद न झूंठे से वादे होंगे ,ना ढोंग ओर दिखावा होगा , न कोई शिक़ायत होगी फ़रेबों से नफ़रत , ग़ुलामी न होगी हुकूमत न मकसद होगा , न सियासत होगी ,दोखेबाज़ी कोशों दूर नज़र ना आएगी , बताओ तुम्ही अब, हमारे ये मसले चलेंगे? तो आओ -करो दोस्ती फिर ! अगर तुम्हें न फ़ुरसत,तो कोई बात नहीं हम अपने में ग़ुम, फ़ुरसत में आना,तसल्ली को साथ लाना ओर लग के गले भूल जाना सारे ग़म मगर ये सुनो, याद इतना भी रखना नज़ूले-ज़मीं है हम- ये ना समझना कब्ज़े की कोशिश भी ना करना दर्द सह के भी निकल जाएँगे लुटा के, जो पाया यहीं से, यहीं दे जाएँगे , न था कुछ हमारा ! यहां क्या है अपना ? जो है, वो है भ्रम या जैसे हो सपना पराया न कोई, नही कोई अपना। ये रास्तों को मंजिल समझने की भूलें करी ख़त्म हमने तभी से हुआ कुछ ये महसूस ऐसा कि जीवन था आसां, सहज और सुंदर कठिन तो स्वयं ही - किया हमने इसको , खुले आसमाँ में आज़ाद पंछी ,ज़मीं पे एक स्वयं की खोज में फ़क़ीर हूँ ,आत्मज्ञान ओर परम आनंद की जो लगे होड़ तो हुज़ूर कहना पर आवाज़ इशारे से देना #shyari 😊🙊😏

Ashok H Choudhury Instagram – दोस्ती हम से — तो सुनो न ख़्वाहिश होगी न ख़ारिश न रंजिश होगी ,न बंदिश न धंधा न चंदा, न न सज़दा, इबादत फ़रेबों के डेरे न नुख़्से-खुशामद न झूंठे से वादे होंगे ,ना ढोंग ओर दिखावा होगा , न कोई शिक़ायत होगी फ़रेबों से नफ़रत , ग़ुलामी न होगी हुकूमत न मकसद होगा , न सियासत होगी ,दोखेबाज़ी कोशों दूर नज़र ना आएगी , बताओ तुम्ही अब, हमारे ये मसले चलेंगे? तो आओ -करो दोस्ती फिर ! अगर तुम्हें न फ़ुरसत,तो कोई बात नहीं हम अपने में ग़ुम, फ़ुरसत में आना,तसल्ली को साथ लाना ओर लग के गले भूल जाना सारे ग़म मगर ये सुनो, याद इतना भी रखना नज़ूले-ज़मीं है हम- ये ना समझना कब्ज़े की कोशिश भी ना करना दर्द सह के भी निकल जाएँगे लुटा के, जो पाया यहीं से, यहीं दे जाएँगे , न था कुछ हमारा ! यहां क्या है अपना ? जो है, वो है भ्रम या जैसे हो सपना पराया न कोई, नही कोई अपना। ये रास्तों को मंजिल समझने की भूलें करी ख़त्म हमने तभी से हुआ कुछ ये महसूस ऐसा कि जीवन था आसां, सहज और सुंदर कठिन तो स्वयं ही – किया हमने इसको , खुले आसमाँ में आज़ाद पंछी ,ज़मीं पे एक स्वयं की खोज में फ़क़ीर हूँ ,आत्मज्ञान ओर परम आनंद की जो लगे होड़ तो हुज़ूर कहना पर आवाज़ इशारे से देना #shyari 😊🙊😏

Ashok H Choudhury Instagram - दोस्ती हम से — तो सुनो न ख़्वाहिश होगी न ख़ारिश न रंजिश होगी ,न बंदिश न धंधा न चंदा, न न सज़दा, इबादत फ़रेबों के डेरे न नुख़्से-खुशामद न झूंठे से वादे होंगे ,ना ढोंग ओर दिखावा होगा , न कोई शिक़ायत होगी फ़रेबों से नफ़रत , ग़ुलामी न होगी हुकूमत न मकसद होगा , न सियासत होगी ,दोखेबाज़ी कोशों दूर नज़र ना आएगी , बताओ तुम्ही अब, हमारे ये मसले चलेंगे? तो आओ -करो दोस्ती फिर ! अगर तुम्हें न फ़ुरसत,तो कोई बात नहीं हम अपने में ग़ुम, फ़ुरसत में आना,तसल्ली को साथ लाना ओर लग के गले भूल जाना सारे ग़म मगर ये सुनो, याद इतना भी रखना नज़ूले-ज़मीं है हम- ये ना समझना कब्ज़े की कोशिश भी ना करना दर्द सह के भी निकल जाएँगे लुटा के, जो पाया यहीं से, यहीं दे जाएँगे , न था कुछ हमारा ! यहां क्या है अपना ? जो है, वो है भ्रम या जैसे हो सपना पराया न कोई, नही कोई अपना। ये रास्तों को मंजिल समझने की भूलें करी ख़त्म हमने तभी से हुआ कुछ ये महसूस ऐसा कि जीवन था आसां, सहज और सुंदर कठिन तो स्वयं ही - किया हमने इसको , खुले आसमाँ में आज़ाद पंछी ,ज़मीं पे एक स्वयं की खोज में फ़क़ीर हूँ ,आत्मज्ञान ओर परम आनंद की जो लगे होड़ तो हुज़ूर कहना पर आवाज़ इशारे से देना #shyari 😊🙊😏

Ashok H Choudhury Instagram – दोस्ती हम से —
तो सुनो
न ख़्वाहिश होगी न ख़ारिश
न रंजिश होगी ,न बंदिश
न धंधा न चंदा, न
न सज़दा, इबादत
फ़रेबों के डेरे
न नुख़्से-खुशामद
न झूंठे से वादे होंगे ,ना ढोंग ओर दिखावा होगा ,
न कोई शिक़ायत होगी
फ़रेबों से नफ़रत ,
ग़ुलामी न होगी
हुकूमत न मकसद होगा ,
न सियासत होगी ,दोखेबाज़ी कोशों दूर नज़र ना आएगी ,
बताओ तुम्ही अब, हमारे ये मसले चलेंगे? तो आओ -करो दोस्ती फिर !

अगर तुम्हें न फ़ुरसत,तो कोई बात नहीं
हम अपने में ग़ुम,
फ़ुरसत में आना,तसल्ली को साथ लाना ओर
लग के गले भूल जाना सारे ग़म

मगर ये सुनो,
याद इतना भी रखना
नज़ूले-ज़मीं है हम- ये ना समझना
कब्ज़े की कोशिश भी ना करना
दर्द सह के भी निकल जाएँगे
लुटा के, जो पाया यहीं से, यहीं दे जाएँगे ,
न था कुछ हमारा !
यहां क्या है अपना ?
जो है, वो है भ्रम
या जैसे हो सपना
पराया न कोई,
नही कोई अपना।
ये रास्तों को मंजिल समझने की भूलें
करी ख़त्म हमने
तभी से हुआ कुछ
ये महसूस ऐसा
कि जीवन था आसां, सहज और सुंदर
कठिन तो स्वयं ही – किया हमने इसको ,
खुले आसमाँ में आज़ाद पंछी ,ज़मीं पे एक स्वयं की खोज में फ़क़ीर हूँ ,आत्मज्ञान ओर परम आनंद की जो लगे होड़ तो हुज़ूर कहना पर आवाज़ इशारे से देना #shyari 😊🙊😏 | Posted on 17/Mar/2022 16:06:19

Ashok H Choudhury Instagram – Surprisingly in one Frame 😇#Goal 
“अनन्त चेतना की खोज में “
#WaahZindagi
Ashok H Choudhury Instagram – 👆This Man  #Trapped In #Freedom – and Seeking For #Wisdom 
पर लिखने तक 😹

स्वयं को #Trapped होने से बचाए –
यहां ट्रेप होने का अर्थ है अपनी महत्वाकांक्षाओं (Ambitation) ओर इच्छाओं, आदि का एक जाल बुनना,फिर उसकी प्राप्ति हेतु अपना समय और पूरी जीवन ऊर्जा ख़र्च कर देना  और अंततः उसमें पूरा जीवन  फँसकर रह जाना ओर एक दिन मर जाना ।शिक्षक ,वकील , डॉक्टर,नौकरीपेशा,व्यापारी , 
गायक,चित्रकार,लेखक,कवि , अभिनेता कोई भी प्रतिभावान व्यक्ति अपने आसपास एक बंधन निर्मित कर पूरा जीवन मैं मैं करके एक छोटे से दायरे में अपने आप को सीमित कर लेते है ।
जैसे एक लेखक या कवि किताबें पढ़ने ,छपवाने ,मंचों ,समारोहों में जाने अवार्ड पाने के जंजाल में फँसकर रह जाता है ! पर जो खो जाता है ,वह है जीवन की अनंत संभावनाएं, अनंत विस्तृत संसार ओर प्रकृति से परिचय ,बेशुमार वैविध्यपूर्ण अनुभवों का अथाह भंडार ,जीवन के रहस्य और पहेली को सुलझा पाने का मौक़ा !

जीवन में जितना आप ट्रैप होंगे उतने ही आर्टिफ़िशल,डल,बोरिंग,
चिड़चिड़े होते जाएँगे।देखो तो आपके आनंदित होने के ढंग में भी बंधे बंधाए हैं मसलन,शराब , दावत ,डांस,सेक्स न्यूज़ ,सोसियल मीडिया के कॉमेंट्स ,लाइक आदि आदि ।तॊ भी जानिए कि आप ट्रैप्ड ही हैं ! जबकि इन सोसियल मीडिया प्लैट्फ़ॉर्म से ही आपको वह नोलेज या मोटिवेशन भी मिल सकता है जो आपको आपके अंदर की अनंत सम्भावनाओं से मिला सकता है।बशर्ते आप अपने माइंडसेट को ओपन रखें जीवन में नया सीखने,सुनने,अनुभव करने के लिए अपने आपको ओपन रखें।वर्ना भोजन नींद सेक्स तो जानवर भी करते है।मैं यहाँ उपरोक्त किसी को भी ग़लत नहीं बता रहा हूँ बस इन सब में बंधकर ही ना रह जाएँ ।
तॊ मॉरल ऑफ़ द स्टोरी  यह है कि  चीज़ों को छोड़ना सीखें ! 
एक ही जैसा #रोबोटिक जीवन रोज़ रोज़ न जिएं , 
स्वयं को चुनौती दें , 
समाज देश व मानवता के कल्याण कीं दिशा में भी सोचें ,नए लोगों से मिले,अनासक्त ,निष्काम कर्म करते हुए नए-नए अनुभवों से गुजरें ,थोड़े से धन के लालच, अहंकार ,वाही वाही या लोग क्या सोचेंगे के पीछे अपनी अनंत संभावनाओं को न गंवाएं । मनुष्य जीवन मिलना मुश्किल है ओर आपके पास समय कम है इसलिए कभी अकेले में बैठकर सोचें की आप क्या सोचते है आपकी आत्मा का भोजन क्या है ? जीवन क्या है ?मैं कौन हूँ ? कहाँ से आया हूँ? कहा जाऊँगा ?मुझे यहाँ क्या अनुभव करने चाहिए ।खुद को ट्रैप होने से बचायें फ़िक्स माइंडसेट कीं बजाए खुले मन से जीवन को समझें ओर चेतना (Consciousness ) की उच्चतम अवस्था को प्राप्त करें व अपने जीवन को सफल बनायें 😇💐#themissionpositibeworld

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